मैं कैसी किताबे पढ़ना पसंद करता हूं ??
किताबे... सबसे अच्छी दोस्त होती है, जब हम बिल्कुल तन्हा हो, महसुस हो कि जीने में कोइ स्वाद नहीं आ रहा है, किसी के ना होने की रह रह कर जुगाली हो तो पुस्तकें ही होती है जो सच्चे और अच्छे दोस्त होने की भुमिका निभाती है। मेरे लिये किताबे.... बस पुछो मत.... Academic Books पढ़ने में भी कुछ यूं था जैसे पुरे हिंदुस्तान की जिम्मेदारी किसी ने मेरे इकलौते कंधों पर रख दी, बस इसीलिये हमेशा से पढ़ने से जी चुराता रहा... Exams के दिनों में वो कहते है ना.... "धक्का मार" Funda - चलता था.... मम्मी की डांट... बड़े दिनों तक की नाराजगी.... सिलसिलेवार तमाचों की भीड़.... इन सबसे सामना ना करना पड़े... बस इसीलिये। बाकी मैं.... मेरा Cricket.... मेरी Movie... और मेरा Entertainment... एक सिमटी हुइ दुनिया।
जब से ये पता चला कि कुछ दिलकश लिखना हो तो किताबों को पीना जरूरी है.... तब से किताबे मेरी दोस्त बन गइ है। अब किताबों की आदत सी हो गइ। मगर अब तक तो एसा भी नहीं है, कि कोइ भी Book हाथ में दे दो, पढ़ने में दिलचस्पी अर्पित कर दूंगा.... उस मायने में बहुत Choosy हु.... आम तौर पर आम किताब मेरी पसंद में शामिल नहीं होती.... मुझे हमेशा पढ़ने के लिये कुछ हटकर... कुछ अलग चाहिये। जो पढाकू मुझे और मेरी फितरत को जानते है, वो मुझे वैसे ही Books देते है या Suggest करते है जो मेरी पसंदीदा की फेहरिस्त में शामिल है।
हां... मैं English और Hindi दोनों भाषा की कुछ खास किताबों को अपना हमराह बनाता हु। Fiction... Motivation... और शेरो शायरी वाली किताबे मेरे दिल के बेहद करीब रही। और मुंशी प्रेमचंद, शरदचंद्र चट्टोपाध्याय, रॉबिन शर्मा, रहोण्डा बॉर्न, डॉ जोसेफ मर्फी, आचार्य महाप्रज्ञ जैसे कलमकार मन को Frame करते रहे। कविवृन्द में डॉ हरिवंशराय बच्चन, काका हाथरसी मेरे Favorite रहे है। और विषय.... Science... Astrology, Palmistry, Body Language.... Face Reading... मंत्र-तंत्र-यंत्र.... Management.... और Motivation... इन्ही कुछ विषयों के इर्दगिर्द घुमता रहा.... मेरे पढ़ना का नशा। क्योंकि मैं जानता हूं.... पढ़ना जब तक आदत नहीं होती तब तक हमारा मन विचारों के तानेबाने बुनकर उंगलियों को कलम से कुछ लिखाने की प्रेरणा नहीं देता।


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