मैं सम्पूर्णता ओढ़ना चाहता हूं.....


मैंने हर पांच साल में अपने Behavior, अपने Nature को बदलते हुए देखा... ये क्या था, क्यों था.... नहीं पता... शायद समय की Demand या मेरे हितेशीयों की अपेक्षा... कभी कानाफूसी भी सुनी.... बहुत बदल गये है मुनि श्री सम्बोध कुमार जी। बस इस बदलाव की हवा में एक बात सबसे खूबसूरत थी - मुझे मेरी Qualities ने कभी Egoism की तरफ नहीं धकेला.... मैं घमंडी नहीं हुआ.... किसी एक Special के लिये हमेशा Available और किसी आम को पलके उठाकर भी ना देखु..... ये Attitude मुझे नहीं छू पाया.... मेरे पिता क्या करते थे.... समझदार होने तक Exactly मुझे पता नहीं चला, मगर माँ को खाकरे बनाकर हमारी परवरिश करते देखा.... तो किसी घर पर शादी विवाहों में पसीने से तरबतर खाना बनाते देखा.... वो राते भी देखी जब 2 रुपये की Parle G Biscuit हमें खिलाकर वो बिना कुछ खाये सो जाती.... जिसने इन दिनों को अपनी आंखों से कैद किया हो उसे क्या Ego सतायेगा.... भला। वो Situations हमेशा मुझे प्रेरित करते रहे.... Down To Earth रहना है, ऊंचाइयां कितनी ही मिल जाये.... Arrogant होने की पहचान लिये मत जीना....

मेरी आदतें Impress करें ना करें.... जहां कही मेरे हितेशियों ने या मेरे खिलाफ खड़े होने वालो ने Directly - Indirectly मुझे Suggest किया - कि मुझे यहां खुद में Change लाना है। तो विनम्रता से उसे स्वीकार कर Apply करने में मुझे ना कभी झिझक हुइ ना कभी होगी। मैं आचार्य भिक्षु के उस आदर्श को, उस Ideology को जीना चाहता हु जहां वो कहते रहे कि कुछ गलतियां मैं निकाल रहा हु.... कुछ लोग निकाल रहे है - अंततः मेरी गलतियां तो निकल ही रही है। मैं आखरी सांस तक अपनी भूलों.... अपनी कमियों को खत्म करते हुए विदा होने की चाहत रखता हूं। बस अनुग्रह इतना हो कि via Media नहीं बल्कि प्यार से मुझे मेरे बारे में अपनी राय बताये। 

मैं हमेशा से मज़ाकिया रहा हु.... जिनसे घुलमिल जाता हूं... मजाक कर लेता हूं.... शायद आदत हो गइ थी कि आप ठीक हो - किसी के पूछने पर "जिंदा हु" कहने की.... तो किसी ने Suggest किया - ये मजाक देहरी लांघती है, इसे यही चुप हो जाना चाहिये.... तब से अब तक उस लफ्ज़ को दोहराने की जुर्रत ही नहीं कि - मैं सम्पूर्णता ओढ़ना चाहता था.... चाहता हु.... चाहता रहूंगा... वो कोइ भी हो मुझे मेरे इस राह पर चलने में मुझे साथ दे.... उसके लिये कृतज्ञता शब्द भी बोना होगा।

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