मेरा पहला पावस प्रवास : केलवा
Excitement.... ये Word लाइफ में तब जन्म लेता है जब पहली पहली बार हम कुछ करने की ओर अपना पहला कदम रखते है..... मसलन Start Up। जरूरी नहीं कि ये Job या Business में ही हो... जिंदगी में कभी भी कही भी आप किसी भी फैसले की तरफ अपना पहला कदम रखते है तो ये आपका Start-up है.... वो मेरा भी Start up था.... मुनि बनने के बाद पहला चातुर्मास.... क्या होगा ? कैसे होगा ? क्या क्या करना होगा ?.... हजारों सवाल मेरे इर्दगिर्द घुमते रहे.... केलवा... तेरापंथ की जन्मभूमि पर... अपने पहले चातुर्मास ने मुझे बहुत कुछ सिखा दिया.... सिखा दिया कि एक संत का... उनके पास आने वाले लोगो के साथ कैसा Behavior होना चाहिये... सिखा दिया कि कैसे अलग अलग Mind के लोगो को Manage किया जाता है ?? कैसे.... अपने प्रवचन से श्रोताओं को बांधना है ? कैसे Events Organize करने है.... सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था... और एक दिन दोपहर के तीन बजे पुरे कस्बे में अफवाह फैल गइ..... मुनि श्री सम्बोध कुमार जी चले गये.... किसने फैलाई.... क्यों फैलाई... पता नहीं... मगर बेवजह ही श्रावक समाज की परेड हो गइ... तिस पर किसी ने कह दिया.... मैंने उन्हें पिछे वाले रास्ते से जाते हुए देखा है.... लोगो को जो भी मिला..... Bike... Car.... किसी ने राजसमंद.... तो किसी ने गोमती.... किसी ने आमेट की और दोड़ा दी.... मगर मैं कही नहीं मिला। भवन में नहीं.... और कहि नहीं.... तो गये कहां ?? मेरे Group Leader के तो होश ही उड़ गये.... वो पुरी तरह सकते में आ गये....
घड़ी में साढ़े तीन बज गये थे... मैं सीढ़ियों से उतर कर हॉल में पहुंचा... तो देखा बड़ी संख्या में श्रद्धालु हॉल में एक दुसरे से किसी गम्भीर वार्ता में व्यस्त थे.... मैं उस सुगबुगाहट के बीच बार बार मेरा जिक्र सुन रहा था... और अचानक उन सबकी नजर मुझपर पड़ी तो सबने मुझे घेर लिया..... और सवाल पर सवाल.... आप कहा थे ? कैसे गये ?? कब गये ? मैं इस अचानक हुए व्यवहार से एक बारगी सकते में आगया। फिर जरा संभल कर कहा.... मैं तो ऊपर छत पर सो रहा था। क्यों क्या हुआ.... और लोगो की हंसी के फव्वारे छुट गये... पता नहीं क्या क्या बवंडर हुए... क्या क्या अफवाह फैली... और पता चला कि मैं कहीं गया ही नहीं था... Terrace पर पिछले तीन घण्टे से गहरी नींद में सो रहा था.... मेरे होठो से बरबस ही निकल पड़ा " क्या एसा भी होता है ? " - जब पता चला कि यह अफवाह फैल गइ की मैं धर्मसंघ छोड़कर चला गया.... यही Life है कभी Bitter... कभी Better...


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