Independence Is Happiness....

 
 
नहीं !! मैं भी नहीं देख पाया जो मेरा कल मेरी जिंदगी में दस्तक देने वाला था। मैंने अपनी ही कोइ दुनिया बना ली थी मेरे सपनों की। मगर सपने वो नहीं होते जो आंख मुंडने के बाद देखे जाते है। सपने वो होते है जो पलके झपकने ही नहीं देते। मुझे समझ में तो आ गया मगर बहुत देर से। मेरे पलकों के तले पलता था India का सबसे Famous Cricketer बनना। वो कहते है ना... Eat Cricket... Live Cricket... Drink Coca  Cola। मेरी जिंदगी ने पूरी दुनिया की तरह.... दुनिया में जीने का अपना एक Motive Select कर लिया था। बनना है तो बस Cricketer... और मेरी यह जिद्द मेरी आदतों में घुलने लगी, मेरी रगों में दौड़ने लगी। दिन रात.... वक्त से वक्त चुराकर बस Cricket खेलना.... जुनून... यू कहिये लत लग गयी... कोइ ज्यादा शानदार Performance नहीं थी मेरी मगर अपने मकान से जुड़े मैदान में मौका मिलते ही चौका मारने के मेरे फितूर ने वक्त के साथ मेरी Performance को बेहतर बना दिया। आधी-आधी रातों में Street Lights की दूधिया रौशनी में Cricket खेलने लगा मैं... रणजी की दौड़ में शामिल होने के लिये। मगर Cricket का नशा एक Cricket Match बदल देगा.... पता नहीं था। Eden Garden में एक World Cup Final.... आंखे T.V. पर गढ़ी हुइ थी। एक एक Over धड़कनें बड़ा रही थी... आखिर वो हुआ जो किसी ने Expect नहीं किया। India वो Match हार गइ। कहि से Bottles, कहि से टमाटरों की बारिश में भारतीयों का गुस्सा फट रहा था। और मैं सुबकता रहा... रोता रहा... नैनो के कोरो से सावन-भादों बरसते रहे। न खाना भाया न पानी याद आया। बस उन दो दिनों में मेरी सोच - मेरी जिंदगी सब कुछ बदल दिया। क्रिकेट का फितूर दिल और दिमाग से हमेशा हमेशा के लिये उतर गया। और मैं किसी नये Motive की तलाश में चल पड़ा। मन वैरागी हो गया। सन्यासी हो गया। Fans की भीड़ के बीच अब भी सास ले रहा हु मगर यहां Retirement के गलियारे नहीं होते। अब Flash Back करता हु तो मैं सोचता रहा ये दुनिया मेरी नहीं है " आज इस मुकाम पर सोचता हूं - मेरा फैसला 100% सही था - जहां Independency भी अपनी, लाइफ को जीने के तरीके भी अपने, जादूगरी भी अपनी, मकसद भी अपने, मंजिले भी अपनी। इस फैसले ने अपने आप पर Depend करना सिखा दिया है। क्या आप भी अपनी Independency तलाश रहे है ??

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