Enjoy Every Moment of Life !!

ENJOY YOUR LIFE !!

 

 

 

जीन्दगी में कुछ चीजें कितनी अजीब होती है ना। चीज वही मगर किसी को पसंद... किसी को ना पसंद, किसी का Favourite... किसी के लिये Hatred... बड़ा Complication है दोस्त। बारिश... बरसात... बरखा... आये तो किसान खुश... मगर रोज Pitch से चौके-छक्के मारकर गेंद को पेवेलियन से बाहर  कर जाने वाले बच्चे नाखुश... याद है वो Class 1 की Poem - जब दादी... बारिश से गुजारिश करती... Rain Rain go Away.. Little Johny wants to Play... जिन घरों में पानी नहीं है वो रोज दुआ करते है। Prayer करते है - " आये वृष्टि सेपे - धान देबो मेपे " बॉलीवुड ने एक इस बरसात पर हजारो गाने बना दिये  किसी को बारिश में भीगकर गर्मी की वजह से हुए बदन पे घमोरियों के Cure होने से राहत मिलती है, तो कोइ बारिश की दो बूंद बदन पर गिरने से सर्दी-जुखाम का शिकार हो जाता है। कही ये बच्चो के मनोरंजन का Reason बन जाती है तो कही पार्टी, शादी... रैलीयों का जायका किरकिरा कर देता है। किसी को Annoy तो  किसी के लिये Enjoy.... किसी को Raincoat पहनकर स्कुल जाना बड़ा अच्छा लगता है तो किसी को महंगे कपड़े, महंगी चप्पल पहनकर Umbrella लेकर घर से बाहर निकलना Status Symbol... का गिरना लगता है। बड़े Issues है यहा... अगर एक बारिश का आना भी इतना Complicated है तो Life में क्या क्या... कैसे-कैसे Complication होंगे। 

 


 एक ही चीज... एक ही बात... एक ही परिस्तिथि - मगर किसी के लिये Beloved तो कोइ कहता है I Hate It... सही-गलत,  अच्छा-बुरा कुदरत का जौहर नहीं है सिर्फ हम इंसानो की बनाई हुई दुनिया है। जो मन को भा गया वो Good... जो मन को नहीं भाया वो Worst... सबका सब मन का Game... मन ने जो कहा Accept कर लिया... हम कब फैसले लेते है जो भी लेता है मन ही तो लेता है। किसे Life में Entry देनी है और किसे No Entry कहना है। सब के सब Decision मन की Authority में है... और हमारा क्या... हम अपनी मर्जी से मुस्कुरा भी नहीं सकते - क्योंकि मन ने कहा है अभी Mood Off है। हम इंसान नहीं Robot होकर रह गये है - जैसे Computer Instructions दे Robot वेसे ही Behave करता है। कभी सोचा है कि आज जब हम सुबह उठे तो जिन्दगी की Class में कुछ नया सीखने को मिलेगा, कि Situations कैसे भी हो... कुछ भी हो... Casually Accept करेंगे और Casually Handle करेंगे। कितना खुबसूरत होगा वो Moment जब मनपसन्द... अच्छे-बुरे के कैद से, उसके गिरफ्त से आजाद होकर सिर्फ ये सोचने ने लिए Ready हो जायेंगे... जो भी है अच्छा है... इससे Best और कुछ नहीं हो सकता। इससे ज्यादा किसी और को बेहतरीन मिल ही नहीं सकता।

 

 

 

ढूंढिये अपना Best... अपनी Life में... जो भी जैसा भी मिल जाये उसे स्वीकार करते जाये... फिर जीने में Sweetness Double हो जायेगा। ये क्षण बहुत Soothing होते है जब हम Neutral होकर जिन्दगी को जी लेते है - Transparency से बिना पक्षपात किये... बिना किसी से Attach-Detach हुए... एक अजीब सा सुकून... एक अजीब सी मस्ती होती है इन क्षणों में Spiritual मस्ती... Awareness की मस्ती... जो भी हम करते है होश में करते है.... हर पल Alert होकर Scenarios तो वही होते है बस उन्हें जीने का नजरिया बदल जाता है। अंदाज बदल जाता है। तब हम Artificiality को नहीं जीते... Natural Beauty को जीना हमारा मकसद हो जाता है। हम किसी में कोइ फर्क नहीं करते.... And it happens like a miracle... खुद से दोस्ती होने लगती है। जो खुद का दोस्त हो जाये उसकी जिंदगी की Dictionary में Favour और Oppose जैसे Words नहीं होते।

क्या बेवजह जिन्दगी का लुत्फ़ उठाने को तैयार है ? क्योंकि वजह ढूंढने वालो को कभी किसी में खामी तो किसी में अच्छाई दिखनी शुरू हो जाती है। Partiality के ताने बाने में उलझकर जिन्दगी को कभी Destiny नहीं मिली।

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