समय के अनगिन रंग...
समय के कितने रंग है.... जिंदगी को भी क्या क्या दिखा देता है... बस अगर इसके बदलते रंग को महसूस कर ले तो सारे इम्तहान में 100 out of 100 मिलते है।
Class 5th में Fail होने की वजह से Repeat हुआ.... 6th, 7th बड़ी मुश्किल से Passing Marks मिले, एसे जैसे Train Platform से निकल चुकी है और आखरी बोगी में भागते-भागते, हांफते-हांफते आखीर Entry मिल ही गई हो। 8th Complete नहीं कर पाने का दिल में कोइ रंग नहीं था.... महाव्रती जो हो गया था.... प्रयास तो यही थे कि " चलो मिल गइ जिंदगी भर के लिये किताबी कीड़े होने से आज़ादी। मगर यहां तो पहले दिन से मुझे Confess किया जाता रहा है कि संत हो गये हो तो क्या ? यहां भीड़ उनकी है जिनके पास ज्ञान का सैलाब है। और ज्ञान उन्ही की झोली में आता है जो किताबों के साथ ज्यादा वक्त गुजारता है। मेरे अंदर एक अजीब कशमकश थी - जिस किताबों की दुनिया को हमेशा - हमेशा के लिये अलविदा कह आया था - यह सोचकर कि फिर कभी इन सफेद पन्नो पर बिछे काले अक्षरों से दो-चार नहीं होना पड़ेगा, मगर मुझे क्या पता था कि एक सन्त होकर भी लोग Intro लेते हुए नाम के बाद Education पुछते है ? बड़ा Guilt Feel करता था - यह कहते हुए की 8th बीच में छोड़कर आ गया हूं..... मगर अब पछताये होत क्या.... जब चिड़िया चुग गइ खेत। वक्त पिघलता रहा.... मुझपर मेरे मार्गदर्शक मेरे Leader का और कइ महाव्रती मुनियों का Pressure बनता रहा कि - जैन विश्व भारती यूनिवर्सिटी से B.A. के Exams देते है। B.A. मगर कैसे ? 7th Pass को Direct B.A. कौन करने की Permission देगा ? फिर जाने किसने Suggest किया कि 10+2 नहीं किया तो U.G.C के नियमों के बीना पर... B.P.P का Correspondence Course कर सकते है। रास्ता मिल गया। इतने सारे प्रेशर और धीरे धीरे मैंने खुद को आखिर Mentally Prepare कर लिया.... चलो फिर से पढ़ाकू होने चलते है। 3-4 महीनों की मेहनत के बाद - फिर एक बार 2 साल बाद School के Exam Hall में था... Finally Exam Complete हो गये। Maths में दिलचस्पी कभी पैदा ही नहीं हुइ.... तो डर किसी कोने में कुंडली मारकर बैठ गया... कही Maths की वजह से कोइ Remark ना मिल जाये। तनसुख जी जैन ने बड़ी मेहनत की मुझपर - चातुर्मास में तेरापंथ सभा के मंत्री का किरदार निभाते हुए भी मुझे मेरी जरूरत के अनुरूप वक्त दिया। और Maths के सारे Confusion क्लियर हुए... और 6 महीने बाद मेरे हाथ JVB University की ओर से जारी किया गया एक Call Letter था.... कि 78% से आप B.P.P Exams पास Out हो गये हो, आपकी अग्रिम यात्रा की ढेरों सारी शुभकामनाएं। कोइ Remark नहीं और 78%... Unbelievable... Unexpected... ये किसी Miracle से कम नहीं था... जिसे 45-50% से ज्यादा कभी नसीब नहीं हुए वो आज 78% का हिस्सेदार था... B.A. Entrance Exam में... अब तो चस्का लग गया था पढ़ने का... कुछ करना था... अब तक जो नहीं बन पाया बनना था। मगर इस खुशी के आगे कोइ हादसा भी था। जिसके बाद मैं फिर कभी Academic किताबे अपने हाथ में नहीं ले पाया... इंतजार करे बहुत लंबी कहानी है... फिर मिलते है... अगले Blog में....



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